Friday, November 14, 2025
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अलका की जीत ने दुर्ग में मचा दिया तहलका : विजय और राजीव रहे रिकॉर्ड मतों से जीत के रियल हीरो …

  • ट्रपल हार से कांग्रेस लस्त पस्त, वरिष्ठ नेताओं की बेपरवाही से कायकर्ता त्रस्त
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दुर्ग। नगर निगम चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अलका बाघमार ने जीत का नया िरकॉर्ड बनाया। भाजपा संगठन के प्रति अगाध निष्ठा, समर्पण और अथाह मेहनत के बूते अलका को संगठन में महत्व मिला और इसी के बूते पर टिकट भी मिली। लेकिन चुनावी जंग में जीत के असल हीरो पर्दे के पीछे रहकर बिसात जमाते रहे।

नतीजा …

दुर्ग में हुए महापौर चुनावों में भाजपा की अब तक की सबसे बड़ी जीत …

महापौर चुनाव में जीत के पिछले रिकॉर्ड से करीब डेढ़ गुना ज्यादा लीड …   

कांग्रेस के संगठन और नेताओं को एक तरह से मसलकर रख देने वाली शानदार जीत … 

दरअसल यह जीत भारतीय जनता पार्टी की कुशल रणनीति, चुनाव प्रबंधन से जुड़े हरेक बिंदु पर माइक्रो विजन रखते हुए उम्दा तरीके से युद्ध जीतने की कला की जीत है। भाजपा नेताओं ने बंद कमरे में िजतनी बारीकी से रणनीति बनाई, उसी कुशलता से फील्ड पर कार्यकर्ताओं को चुनाव की जिम्मेदारी भी सौंप दी। हर हर कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी गई। हरेक कार्य की रोज समीक्षा की गई। नामांकन वापस लेने वालों के साथ ही पार्टी के असंतुष्टों पर पैनी नजर रखी गई।

दुर्ग जिले की राजनीति के चतुर चाणक्य विजय बघेल और जिला भाजपा संगठन प्रभारी राजीव अग्रवाल की जोड़ी ने यह काम पूरी शिद्दत से अंजाम दिया। विजय बघेल ने खुद को पर्दे के पीछे रखा, सारा काम अपने छोटे भाई संजय बघेल को सौंप दिया। रोज इलेक्शन मैनेजमेंट से जुड़े एक-एक बिंदु की समीक्षा की गई। प्रचार-प्रसार सहित हर संसाधन पर पूरी शक्ति झोंक दी गई।    

चुनावी जंग में योद्धाओं के बीच गजब का तालमेल रहा। आपसी टकराव की बजाय सभी ने अपने-अपने कार्यों का दायित्व निभाया और दुर्ग नगर निगम चुनाव का किला फतह कर लिया। वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन और दुश्मन के तेवरों को तार तार करने की नीयत और रणनीति के साथ चुनावी जंग करने उतरे भाजपा के जाबांजों ने सिर्फ चुनाव नहीं जीता बल्कि कांग्रेस के मनोबल को भी बुरी तरह तोड़ दिया है।

ट्रपल हार से कांग्रेस लस्त-पस्त

विधानसभा और लोकसभा चुनाव में करारी पराजय के बाद अब निकाय चुनाव में मिली ट्रपल हार से कांग्रेस लस्त-पस्त हो गई है। प्रदेश स्तर से लेकर शहर और वार्ड व पंचायत स्तर तक कांग्रेस संगठन का हाल बेहाल है। पराजय दर पराजय के बावजूद संगठन की मजबूती पर किसी का ध्यान नहीं है।

भूपेश कांग्रेस के आसमान पर … लेकिन जमीन खिसक चुकी …

प्रदेश में कांग्रेस के सबसे बड़े योद्धा भूपेश बघेल आलाकमान के खासमखास बनकर कांग्रेसी आसमान पर उड़ रहे हैं। हालांकि, भूपेश की जमीन लगातार खिसक रही है। या कहें … खिसक चुकी है।  इसके बावजूद संगठन में प्राण फूंकने की बजाय पार्टी का प्रबंधन बेहद कामचलाऊ तरीके से हो रहा है।

संगठन में प्राण फूंकने का दम न तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज में है, न उनके आला पदाधिकारियों में वैसा कोई जज्बा है। बदलाव की मांग लगातार उठ रही है।

देखना ये है कि कांग्रेस आलाकमान समय रहते बदलाव करेगा … या सब कुछ लुट जाने के बाद फैसला करेगा ???      

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