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बीएसपी प्रबंधन की मनमानी शर्तों के खिलाफ याचिका, अगली सुनवाई तक नहीं होगी दमनात्मक कार्रवाई
भिलाई। टाउनशिप के दुकानदारों को आज हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने इस्पात प्राधिकरण द्वारा दुकानों के लीज नवीनीकरण को लेकर लगाई गई मनमानी शर्तों और अत्यधिक शुल्कों के विरुद्ध दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अगली तारीख तक किसी भी प्रकार की दमनात्मक कार्रवाई न करने के निर्देश दिए हैं।
दुकानदारों की ओर से अधिवक्ता हिमांशु चौबे ने न्यायालय में पक्ष रखते हुए बताया कि बीएसपी द्वारा दुकानों की लीज नवीनीकरण के लिए कई शर्तें और शुल्क तय किए गए हैं, वे पूरी तरह अनुचित हैं। छोटे व्यापारियों के हितों के भी खिलाफ भी हैं। इन शर्तों के कारण सैकड़ों दुकानदारों का व्यवसाय खतरे में पड़ गया है।
न्यायालय ने प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ताओं की बातों पर ध्यान देते हुए मामले में बीएसपी को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई तक कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के विरुद्ध कोई भी जबरन कार्रवाई न करने कहा गया है। हाईकोर्ट के इस फैसले से टाउनशिप के व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है।
जीत न्याय की होगी : ज्ञानचंद जैन
भिलाई टाउनशिप के व्यापारियों को लीज नवीनीकरण के नाम पर हजारों गुना वृद्धि करके भेजे गए राशि के भुगतान के विरुद्ध उच्च न्यायालय बिलासपुर में आज की बहस लगभग 45 मिनट चली। न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता के पक्ष को सहानुभूतिपूर्वक सुनते हुए सुनवाई के योग्य पाया। स्टील सिटी चैंबर ऑफ कॉमर्स भिलाई के अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन, महासचिव दिनेश सिंघल, सलाहकार सदस्य रामकुमार गुप्ता, अजय दीक्षित ने संयुक्त रूप से बताया कि न्याय के रास्ते से शहर के व्यापारियों और प्रभावी संस्थाओं को राहत मिलेगी। जीत न्याय की होगी। सभी प्रभावित वर्गों को अधिवक्ताओं के माध्यम से राहत मिलेगी। सांसद विजय बघेल के मार्गदर्शन में सभी व्यवसायी और पीडि़त पक्ष भिलाई इस्पात संयंत्र के मनमानी भरे रवैये से जल्द मुक्त होंगे।
भिलाई टाउनशिप की मनमानी शर्तों और अत्यधिक शुल्कों से परेशान व्यवसाइयों को उच्च न्यायालय से बड़ी राहत
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