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दुर्ग। शहर के पोटिया इलाके में रिहायशी कॉलोनी गणपति विहार में प्लाट खरीदने वाले परेशान हैं। यहां के प्लाट क्रेताओं को नगर निगम से मकान बनाने के लिये बिल्डिंग परमीशन नहीं मिल रही है। नगर निगम ने करीब दो दर्जन आवेदनों को नामंजूर कर दिया है।
लाखों रुपए खर्च कर महंगे रेट पर गणपति विहार में प्लाट खरीदने के बाद नागरिक अब नगर निगम में भवन शाखा के चक्कर काट रहे हैं। सूत्रों के अनुसार प्लाट बिक्री के लिये कॉलोनाइजर एक्ट का पालन करना जरूरी है। लेकिन ऐसा न करने के कारण भवन निर्माण की परमीशन नहीं दी जा रही है।
जानकारी के अनुसार अब तक करीब दो दर्जन से ज्यादा बिल्डिंग परमीशन के आवेदनों को मंजूरी नहीं दी गई है। भवन निर्माण की अनुमति न मिलने से प्लाट क्रेता परेशान हैं। निगम अफसरों का कहना है कि स्वीकृत ले आउट से ज्यादा प्लाटिंग करने के कारण बिल्डिंग परमीशन देना संभव नहीं है।
कई फेज में हो रही प्लाटिंग
जानकारी के अनुसार गणपति विहार में सबसे पहले पोटिया में गणपति विहार कॉलोनी का निर्माण किया गया। शानदार लोकेशन और बेहतरीन सुविधाओं का दावा करते हुए कॉलोनाइजर ने यहां बने आवास बेच दिये। कॉलोनी विकसित होने के बाद भी काफी बड़े इलाके में प्लाट बेचने का काम चलता रहा। यहां अभी भी प्लाटिंग हो रही है। सूत्रों का कहना है कि पहले फेज में कॉलोनी का निर्माण कॉलोनाइजर एक्ट के तहत किया गया, लेकिन इसके बाद से एक्ट का पालन न करने के कारण भवन निर्माण की मंजूरी नहीं दी जा रही है।
भवन अनुज्ञा न मिलने की वजह ये
छत्तीसगढ़ कॉलोनाइजर एक्ट के तहत कॉलोनी विकसित करने के लिये कुल एरिया का करीब 45 प्रतिशत भूमि रोड-नाली- गार्डन व अन्य सुविधाएं विकसित करने के लिये रिजर्व करना आवश्यक है। शेष लगभग 55 प्रतिशत भूमि पर मकान या फ्लैट का निर्माण किया जा सकता है। कई कॉलोनियों में इस एक्ट का पालन नहीं किया जा रहा है। इसके कारण ही प्लाट खरीदने वालों को बिल्डिंग परमीशन नहीं मिल रही है।
ट्विनसिटी की कई कॉलोनियों में अवैध प्लाटिंग
दुर्ग भिलाई की कई कॉलोनियों में प्लाट खरीदने वालों के साथ ऐसी ही झांसेबाजी की जा रही है। आशियाना बनाने का सपना देखने वालों को विकसित कॉलोनी में प्लाट खरीदने का ऑफर दिया जाता है। शानदार कॉलोनी, आकर्षक प्रवेश द्वार, चौड़ी सड़कें, सुनियोजित विकास देखकर लोग झांसे में आ जाते हैं। शानदार कॉलोनी देखकर लोग यही समझते हैं कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग और नगर निगम से अप्रूव्ड कॉलोनी है। लोगों को यह पता ही नहीं चलता है कि कॉलोनी के पीछे का हिस्सा अवैध प्लाटिंग के अंतर्गत आता है।
नियमों के विपरीत हो रही प्लाट बिक्री
गणपति विहार में कई फेज में प्लाटिंग की गई है। गणपति विहार के अवैध प्लाटिंग वाले हिस्से में प्लाट खरीदने वालों को बिल्डिंग परमीशन नहीं दी जा रही है। नियमानुसार प्लाट खरीदने वालों को ही बिल्डिंग परमीशन दी जाएगी। गणपति विहार का कुछ हिस्सा अवैध कॉलोनी के अंतर्गत आता है। यहां अवैध रूप से प्लाटिंग की जा रही है। इन प्लाटों को खरीदने वालों को बिल्डिंग परमीशन नहीं दी जाएगी। नियमानुसार कॉलोनी का नियमितिकरण होने के बाद बिल्डिंग परमीशन मिल सकती है।
गिरीश दीवान,
भवन अधिकारी, नगर निगम दुर्ग


