
चैनल 9 . लाइफ
पटवारी सरकारी कर्मचारी हैं या नहीं?
आपका जवाब होगा – हां …भला ये भी कोई पूछने वाली बात है … पटवारी सरकार का अभिन्न हिस्सा हैं … राजस्व विभाग और लैंड रिकॉर्ड से संबंधित बेहद महत्वपूर्ण कर्मचारी हैं।
तो फिर यह सवाल क्यों ???
क्योंकि …
- पटवारी को सरकार की ओर से कार्यालय या आफिस की सुविधा नहीं मिलती।
- आफिस के लिये कमरे की तलाश पटवारी खुद करते हैं। ट्रांसफर या पोस्टिंग होने पर पटवारी सबसे पहले अपने ऑफिस के लिये किराये का कमरा तलाशते हैं।
- ऑफिस का किराया भी खुद अपनी जेब से देते हैं। सरकार की ओर से पटवारियों को किराये की राशि का भुगतान नहीं किया जाता है।
- ज्यादातर पटवारी कार्यालय महज एक कमरे के होते हैं। टायलेट सुविधा भी नहीं होती। सरकार ने कभी भी पटवारी कार्यालय बनाने की दिशा में सोचा तक नहीं।
- अपने कार्यालय में पंखे, कूलर की व्यवस्था भी पटवारी खुद करते हैं। सरकार की ओर से इसकी व्यवस्था नहीं की जाती है।
- टेबल-कुर्सी, आलमारी की व्यवस्था भी पटवारी खुद करते हैं। या फिर जुगाड़ करते हैं। सरकार पटवारियों को टेबल कुर्सी की सुविधा भी नहीं देती।
- डिजिटल इंडिया का नारा पटवारियों को काफी तकलीफ देता है। पटवारियों से भुइयां एप पर लैंड रिकॉर्ड की सारी जानकारी अपलोड करने कहा जाता है। राजस्व विभाग का सारा काम कम्प्यूटराईज्ड कर दिया गया है। लेकिन, इसके लिये पटवारियों को आज तक कम्प्यूटर या लैपटाप नहीं दिया गया। पटवारी खुद अपने पैसों से लैपटाप या कम्प्यूटर खरीदते हैं।
- पटवारियों को प्रिंटर, स्कैनर जैसे जरूरी संसाधन भी सरकार नहीं देती।
- लैंड रिकॉर्ड डिजिटलाईज करने के लिये फ्री इंटरनेट की सुविधा भी पटवारियों को नहीं मिल रही है। पटवारियों की मांग पर इसके लिये हर माह 15 सौ रुपए भत्ता देने की घोषणा की गई, लेकिन आज तक पटवारियों को भत्ता नहीं दिया गया।
- राजस्व विभाग सहित सभी विभागों के सरकारी कर्मचारियों को दफ्तर, कम्प्यूटर, इंटरनेट सुविधा, टेबल कुर्सी, आलमारी सहित सारी सुविधाएं मिलती है। लेकिन राजस्व विभाग के सबसे मजबूत स्तंभ यानी पटवारी को सरकार ये सारी सुविधाएं नहीं दे रही। वेतन के पैसे से ही उन्हें हर महीने किराये की राशि सहित सरकारी कार्य के लिये अन्य मदों पर राशि खर्च करना पड़ता है।
- कई बार आंदोलन करने के बावजूद पटवारियों को ये सुविधाएं आज तक नहीं दी गई। हर सरकार से पटवारियों को आश्वासन मिलते हैं, लेकिन आश्वासन पर अमल नहीं किया जा रहा है।
जब सभी सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली बेसिक सुविधाएं ही पटवारी को न दी मिले …. तो सवाल उठना लाजमी है …
क्या सरकार पटवारी को प्राइवेट कंपनी का कर्मचारी मानती है ???
क्या पटवारी सरकारी कर्मचारी नहीं है ???
हे सरकार, अगर पटवारी को सरकारी कर्मचारी मानते हैं … तो फौरन जरूरी सुविधाएं दीजिये … ये उनका हक है …


