
चैनल 9 . लाइफ
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की मूर्ति को लेकर गौरेला में बवाल मच गया है। ज्योतिपुर चौक पर स्थापित अजीत जोगी की प्रतिमा को बीती रात चोरी-छिपे हटा दिया गया। खास बात ये है कि मूर्ति हटाने की जानकारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी को भी नहीं है। घटना को लेकर आम नागरिकों में भरी आक्रोश है।
बताया जा रहा है कि स्व. जोगी की मूर्ति को तोड़कर बेहद अपमानजनक तरीके से हटाया गया। रात के अंधेरे में नगरपालिका परिसर के पास फेंक दिया गया। इस घटना की जानकारी मिलने पर क्षेत्र में आक्रोश फैल गया। स्थानीय नागरिकों ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए मूर्ति को तत्काल उसी जगह पर स्थापित करने की मांग की है। लोगों ने मूर्ति को वापस उसी जगह न लगाने पर विरोध प्रदर्शन और चक्काजाम की चेतावनी दी है।
जानकारी के अनुसार जिस वाहन से प्रतिमा को हटाया गया है, उसकी पहचान सीसीटीवी से मिले फुटेज के आधार पर कर ली गई है। मामले में जांच के बाद मामला दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नगर पालिका अधिकारी ने दिये थे मूर्ति को हटाने के आदेश
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के ज्योतिपुर चौक में छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा लगाने पर आपत्ति की थी। स्थानीय ठेकेदार गणेश कंस्ट्रक्शन द्वारा प्रतिमा स्थापित करने के बाद नगर पालिका ने इसे हटाने का आदेश दिया था। मुख्य नगर पालिका अधिकारी नारायण साहू का कहना है कि केवल चबूतरा और गार्डन निर्माण के लिए वर्क ऑर्डर जारी किया गया था। प्रतिमा लगाने की कोई अनुमति नहीं दी गई थी। ठेकेदार ने बिना अनुमति स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा लगा दी। अप्रैल 2025 में नगर पालिका परिषद की बैठक में तय किया गया था कि इस स्थान पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगाई जाएगी।
24 घंटे में प्रतिमा हटाने की चेतावनी दी
नगर पालिका ने गणेश कंस्ट्रक्शन को नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर प्रतिमा हटाने का आदेश दिया था। ऐसा न करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई। नोटिस मिलने के बाद शहर में राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा तेज हो गई है।
पार्षद बोले- प्रतिमा हटाना जनता की भावनाओं का अपमान
स्थानीय पार्षद रियाज कुरैशी ने नगर पालिका के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि अजीत जोगी हमारे क्षेत्र के माटी पुत्र हैं। वे छत्तीसगढ़ राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे और उन्होंने राज्य को राष्ट्रीय पहचान दिलाई। उनकी प्रतिमा हटाना जनता की भावनाओं के साथ अन्याय होगा। चबूतरा निर्माण का टेंडर निकाला गया था, उसमें अजीत जोगी की प्रतिमा लगाने की बात कही गई थी। ऐसे में अब प्रतिमा को हटाने का फैसला राजनीति से प्रेरित लग रहा है।


