- डिप्टी सीएम के क्षेत्र में अनोखा विरोध प्रदर्शन

- पालकों सहित स्कूली बच्चे भी प्रदर्शन में हुए शामिल
चैनल 9 . लाइफ
कवर्धा। नगर के मिनीमाता चौक से होकर गुजरने वाले कवर्धा-रायपुर बाईपास की बदहाली से परेशान नागरिकों ने विरोध जताते हुए आज अनोखा प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी सड़क पर गड्ढे में भरे पानी में पालथी मारकर बैठ गए। युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष तुकाराम चंद्रवंशी के नेतृत्व में गड्ढों में भरे पानी में बैठकर अपनी पीड़ा जाहिर की। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर शासन-प्रशासन को जगाने की कोशिश की और जल्द से जल्द इस बहुप्रतीक्षित सड़क का पुनर्निर्माण करने की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे लगाए और अपनी मांगों को लेकर तख्तियां थामीं। लोगों का कहना है कि जब तक इस मार्ग का स्थायी समाधान नहीं किया जाएगा, आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे युवा कांग्रेस नेता तुकाराम चंद्रवंशी ने कहा कि कवर्धा-रायपुर बाईपास सरकार की संवेदनहीनता और विभागीय उदासीनता का सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ तो बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
छात्रा पूर्णिमा साहू ने बताया कि मार्ग में 100 से ज्यादा गड्ढे हैं। दुर्घटना होने का डर बना रहता है। स्कूल बस भी घर तक नहीं आ पा रही है। आसपास कीचड़ के अलावा कुछ नहीं है। पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। जल्द से जल्द इस मार्ग को बनाया जाना चाहिये। ताकि, लोग आवागमन कर सके।
बाईपास मार्ग को लेकर इंजीनियर और ठेकेदार के साथ लोगों की जमकर तीखी बहस हुई। नागरिकों का कहना था कि मार्ग पर बजरी डालने से जनता को इतनी परेशानी नहीं होती। इंजीनियर के कहने पर ठेकेदार ने बजरी डलवाया। इसके बाद मामला शांत हुआ।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि कई साल पहले निर्मित कवर्धा-रायपुर बाईपास विभागीय लापरवाही और ठेकेदार की मनमानी के चलते पूरी तरह जर्जर हो गया है। बाईपास पर जगह-जगह गहरे गड्ढे बन गए हैं और लगातार हो रही बारिश के कारण सड़क पर तालाब जैसे हालात बन गए हैं। वाहन चालकों को जान जोखिम में डालकर वाहन चलाना पड़ता है। आसपास के दुकानदार और मोहल्लेवासी भी परेशान हैं।
स्वीकृति के बाद भी शुरू नहीं हुआ काम
युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष तुकाराम चंद्रवंशी और क्षेत्रवासियों ने बताया कि कई बार विभाग और शासन को मरम्मत के लिए अवगत कराया गया। मार्ग निर्माण की स्वीकृति भी मिल चुकी है, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। नतीजा यह है कि इस बरसात में लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।


