
चैनल 9 . लाइफ
दुर्ग। कांग्रेस संगठन सृजन अभियान के तहत दुर्ग जिले में पर्यवेक्षक अजय कुमार लल्लू के दौरे के बाद कांग्रेस खेमे में मची हलचल शांत हो गई है। लेकिन, अब अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। कयासों की सबसे ज्यादा अटकलबाजी दुर्ग शहर और भिलाई नगर के कांग्रेस अध्यक्षों को लेकर हो रही है। कांग्रेसजनों को इस बात की भी भारी उत्सुकता है कि संगठन के अध्यक्षों की घोषणा कब होगी।
दुर्ग शहर जिला कांग्रेस संगठन की कमान किसे मिलेगी ? इस सवाल पर दुर्ग शहर से लेकर राजधानी रायपुर तक अफवाहों का बाजार गर्म है। रायशुमारी के दौरान दुर्ग शहर के छह दावेदारों के नाम उभरे हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि पांचों ब्लाकों की बैठकों में सबसे ज्यादा कांग्रेसियों ने पूर्व विधायक अरुण वोरा को शहर कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग की है। वन टू वन चर्चा के दौरान भी ज्यादातर लोगों ने अरुण वोरा को ही शहर अध्यक्ष की कमान सौंपने की राय दी गई।
वोरा के अलावा आरएन वर्मा, दीपक दुबे, धीरज बाकलीवाल और अय्यूब खान की दावेदारी को समर्थन मिला है। रायशुमारी के आधार पर यही 6 नाम पैनल में शामिल किये गए हैं। रणनीति के तहत ज्यादातर लोगों ने अरुण वोरा और आरएन वर्मा का नाम आगे बढ़ाया। वोरा और वर्मा के अलावा दीपक दुबे, धीरज बाकलीवाल, अय्यूब खान, रत्ना नारमदेव, राजकुमार पाली, परमजीत भुई को भी अध्यक्ष बनाने खेमेबाजी की गई है।
वोरा कैंप से खुद अरुण वोरा, आरएन वर्मा, रत्ना नारमदेव, परमजीत भुई को शुरुआती दौर में शहर कांग्रेस अध्यक्ष का दावेदार माना गया था। बाद में जैसे जैसे समीकरण बदलते गए, वैसे-वैसे अध्यक्ष पद के लिये लॉबिंग और रणनीति का दौर भी बदलता गया।
पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल के समर्थक अध्यक्ष पद के लिये पुख्ता दावा करते रहे हैं। धीरज समर्थकों का दावा है कि जिले में भूपेश के सबसे ज्यादा करीबी राकेश ठाकुर और बाकलीवाल ही रह गए हैं। अय्यूब खान और दीपक दुबे को उनके समर्थक रहे पुराने युवा कांग्रेिसयों ने बड़ी तादाद में सपोर्ट दिया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के करीबी होने के कारण अय्यूब खान को कई पूर्व पार्षदों और युवा कांग्रेस नेताओं ने भी समर्थन दिया। इधर, छात्र राजनीति से जिला युकां अध्यक्ष और अब पीसीसी महामंत्री के रूप में दीपक दुबे के पास लंबा अनुभव रहा है। कांग्रेस संगठन और विभिन्न स्तरों पर हुए चुनावों के दौरान दीपक कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। उनकी सक्रियता और कार्यशैली को देखते हुए दीपक दुबे को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही है।
पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष होने के कारण सीधे सरल आरएन वर्मा को काफी समर्थन मिला लेकिन कांग्रेस के एक गुट द्वारा यह खबर फैलाई जा रही है कि उम्र ज्यादा होने के कारण वर्मा का नाम पैनल में शामिल नहीं किया गया है। वोरा कैंप को उम्मीद है कि हाई कमान अरुण वोरा और उनकी पसंद को नजरअंदाज नहीं करेगा।


