
चैनल 9 . लाइफ
दुर्ग। खुद को तांत्रिक शक्ति का ज्ञाता बताते हुए आर्थिक लाभ का लालच देकर ठगी करने वाले एक हाई-प्रोफाइल गिरोह को दुर्ग पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार आरोपी खुद को तांत्रिक शक्ति से संपन्न बताते हुए दावा करते थे कि उनके पास ऐसी ‘पूजा विधि है, जिससे रकम को सौ गुना बढ़ाया जा सकता है।
एक पीडि़त ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि आरोपियों ने उससे 11 लाख रुपये को 11 करोड़ रुपये करने का दावा किया। पूजा-पाठ और प्रक्रिया का हवाला देते हुए आरोपी गणों ने प्रारंभिक तौर पर 1 लाख रुपये ले लिए। पुलिस ने शिकायत की जांच के बाद जाल बिछाकर तीन आरोपियों को पकड़ा। उनके पास से एक लाख रुपये नगद, 7 मोबाइल फोन और एक अर्टिगा वाहन जब्त किया गया है।
दुर्ग पुलिस का कहना है कि यह गिरोह भोले-भाले लोगों को धन दो गुना या सौ गुना करने का झांसा देता था और चोरी-छिपे रकम हड़प लेता था। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने अंदेशा जताते हुए कहा है कि इस गिरोह के अन्य सदस्यों और पीडि़तों की संख्या भी अधिक हो सकती है।
म्यूल अकाउंट के जरिये सायबर ठगी
दुर्ग। पद्मनाभपुर पुलिस ने म्यूल अकाउंट के जरिये सायबर ठगी के एक मामले का खुलासा किया है। आरोपी रोहित कुमार श्रीवास्तव (25 वर्ष) अपने बैंक खाते का इस्तेमाल सायबर ठगी की रकम प्राप्त करने के लिए करता था। आरोपी को भारत सरकार के समन्वय पोर्टल के माध्यम से मिली शिकायत के आधार पर चिन्हित किया गया।
आरोपी ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र में खाता खुलवाया था। इस खाते में 22 मार्च को ऑनलाइन माध्यम से 23,310 रुपए की ठगी की राशि जमा हुई थी। समन्वय पोर्टल से मिली सूचना के आधार पर थाना पद्मनाभपुर क्षेत्र में एक म्यूल अकाउंट से संबंधित गतिविधियों की पुष्टि हुई। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने अपना बैंक खाता सायबर अपराधियों को ठगी की रकम ट्रांसफर करने के लिए उपलब्ध कराया था।
ऑनलाइन ठगी से संबंधित रकम होने की जानकारी के बावजूद आरोपी ने अपने खाते में रकम ट्रांसफर कराई और अवैध रूप से आर्थिक लाभ प्राप्त किया। पुलिस ने बताया कि आरोपी के बैंक डीटेल्स जब्त कर जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में इस बैंक खाते के अन्य सायबर अपराधियों के नेटवर्क से जुड़े होने के संकेत मिले हैं। पुलिस लगातार ऐसे मामलों में कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी अज्ञात व्यक्ति के कहने पर अपने बैंक खाते, एटीएम कार्ड या यूपीआई आईडी का उपयोग किसी अन्य को न करने दें।


